Jaunpur News: संघर्ष से सफलता की मिसाल बने रामजी जायसवाल, कभी खींची साइकिल... आज हैं तेजस ग्रुप के मुखिया
जौनपुर। “जिंदगी को इस तरह जियो कि लोग मिसाल दें” — यह कथन उन लोगों पर पूरी तरह फिट बैठता है जिन्होंने कठिनाइयों के बीच भी हार नहीं मानी और अपने दम पर एक अलग पहचान बनाई।

जौनपुर। “जिंदगी को इस तरह जियो कि लोग मिसाल दें” — यह कथन उन लोगों पर पूरी तरह फिट बैठता है जिन्होंने कठिनाइयों के बीच भी हार नहीं मानी और अपने दम पर एक अलग पहचान बनाई। ऐसे ही एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं जौनपुर के वरिष्ठ पत्रकार और तेजस टूडे ग्रुप के समूह संपादक रामजी जायसवाल, जिन्होंने छोटे से सफर की शुरुआत की और आज एक बड़ा मुकाम हासिल किया।
साइकिल से दफ्तर, अब आलीशान ऑफिस के मालिक
रामजी जायसवाल का जीवन संघर्षों की मिसाल है। कभी वे साइकिल से दफ्तर जाया करते थे और किराए के एक छोटे कमरे से अपना काम शुरू किया। आज वे दो शानदार आवासों के मालिक हैं, जिनमें से एक में उनका भव्य कार्यालय भी है। तेजस टूडे जैसे ब्रांड की नींव उन्होंने इसी संघर्ष से रखी।
हिंदुस्तान में नौकरी छोड़, खुद का सपना गढ़ा
अपने करियर की शुरुआत उन्होंने 'हिंदुस्तान' अखबार में एक कंप्यूटर ऑपरेटर के तौर पर की थी। लेकिन जल्द ही उन्होंने बड़ा सोचने का फैसला लिया और नौकरी छोड़कर अपनी खुद की एजेंसी 'तेजस न्यूज एजेंसी' की स्थापना की। धीरे-धीरे इस एजेंसी ने स्थानीय पत्रकारिता में एक मजबूत जगह बना ली और तेजस टूडे के रूप में एक प्रतिष्ठित अखबार के रूप में उभरा।
दैनिक मान्यवर से सीख और तेजस टूडे की उड़ान
रामजी जायसवाल ने 'दैनिक मान्यवर' के साथ भी वर्षों तक कार्य किया और वहीं से पत्रकारिता के गहरे अनुभव प्राप्त किए। बाद में जब तेजस न्यूज एजेंसी ने रफ्तार पकड़ी, तब उन्होंने तेजस टूडे अखबार की शुरुआत की। यह अखबार आज न सिर्फ जौनपुर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी पढ़ा जाता है।
महामारी के दौरान भी नहीं टूटा हौसला
उनके जीवन का सबसे कठिन समय तब आया जब उनकी पत्नी विदिशा जायसवाल गंभीर रूप से बीमार पड़ गईं, वह भी ऐसे दौर में जब पूरा देश कोरोना महामारी की चपेट में था। उस मुश्किल घड़ी में भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने परिवार को संभालते हुए पत्नी को स्वस्थ किया।
आज हैं प्रेरणा का स्रोत
आज रामजी जायसवाल केवल पत्रकार नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं। तेजस ग्रुप से जुड़े सैकड़ों लोग उनकी मेहनत, ईमानदारी और जुझारूपन से प्रेरणा लेते हैं। कभी जिस व्यक्ति ने साइकिल से शुरुआत की थी, आज उनकी सफलता की गूंज प्रदेश की सीमाओं से बाहर तक सुनाई देती है।
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